पढ़ों न माँ !
एडिसन घंटों उस कागज़ को हाथ में लिए रोते रहे और उन्होंने अपनी डायरी में लिखा
Read Moreएडिसन घंटों उस कागज़ को हाथ में लिए रोते रहे और उन्होंने अपनी डायरी में लिखा
Read MoreThe two feet working furiously on the pedals of the sewing machine were never exhausted. All the shop owners and garments businessmen appreciated her saga..
Read Moreअब मम्मा और निशा के लिए शनिबाज़ार से थोड़े ही कपड़े लुंगी | एंड डॉन वरि इस जादुई चिराग पर लगी खरोचों को बचत की रफू से ठीक कर दूंगी |
Read Moreआज फिर तुमने ब्रेड सैंडविच खाया है ?? मम्मी मैंने मना किया था ना, इसको ब्रेड मत खिलाना, खांसी है इसे | नेहा बैड पर जोर से ऑफिस का बैग पटकते बोली | अरे बेटा, बहुत जिद्द कर रही थी, ब्रेड सैंडविच ही खाउंगी | इसलिए दे दिया मैंने | सासु माँ ने अपनी अपनी […]
Read Moreवैसे तो बात बहुत ही मज़ाकिया तरीके से कही गयी थी लेकिन रजनी के मन में जैसे उसे सुन हज़ारो तीलियों के बिना आग सी लग गयी थी | अपने घर को संभालती औरत…
Read MoreThose words were uttered out of fun but shredded Rajni’s insides apart. Bro, leave it! How would she know? She has passed her whole life comfortably being a housewife, staying within the cozy four walls. No tension only pension.
Read Moreक्या मन ही मन कहानियाँ गढ़ रहे हो | कार्टून की लाईने तो दिल से याद रहती हैं तुम्हे बस पढ़ाई की बात ना करो | रिया बस एक ही सांस में बोले जा रही थी क्योंकि 1 घंटे के बाद भी राहुल ने अपना मैथ होमवर्क पूरा नहीं किया था |
Read Moreपहले से बैठा भारतीय यात्री और वो भी महिला यात्री खाली बैठा क्या करें, हर चढ़ने वाले की वेशभूषा, बातचीत के तरीके और शक्ल देख उनके प्रदेश-परिवेश भांपने लगता हैं ! अजीब शौक हैं ना लेकिन सच मानिये सव्भाविक हैं |
Read Moreबहुत दर्द भरा होता हैं वो समय जब आपको किसी अपने के साथ बैठ कर मौत का इंतज़ार करना होता हैं | ऐसा लगता हैं जैसे हर एक बीतता पल उस सैंड टाइमर की रेत जैसा हैं जिसे आप चाह कर भी पकड़ नहीं सकते |
Read Moreविशाल को ऑफिस और काव्यांश को स्कूल भेजने के बाद, अपना सारा काम निपटा कर, जैसे ही निशा चाय का कप लेकर बैठी | उसकी कामवाली ने मिस्ड कॉल मारी |
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