ज़िन्दगी का व्यंग्य देखिए
जैसे ही मेरे हाथ ग्रीस से सने
मेरा नाक पर खुजली करने का मन सा बने
ज़िन्दगी का व्यंग्य देखिए
जो ना चाहते वही देखिए
जैसे ही मेरे हाथ ग्रीस से सने
मेरा नाक पर खुजली करने का मन सा बने
ज़िन्दगी का व्यंग्य देखिए
जो ना चाहते वही देखिए
परीक्षा के परिणाम आने पर माँ तुम्हे पुचकारती है लेकिन जो चुपचाप मिठाई का डिब्बा लाता है…
वही पिता होता है !
चाहतों का समुन्दर बनाना आसान है, लेकिन मुश्किल है अपनी आशाओं की प्यास बुझाना, नदी में पत्थर फेंकने वाले तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन मुश्किल है साहिल पाना | दूर से आप समुद्र की गहराई नहीं नाप सकते, उसके लिए भॅवर में पड़ेगा जाना,भॅवर में जाना आसान है, लेकिन मुश्किल है उससे उभरकर […]
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