महायुद्ध : गणित बनाम मैं
युद्धभूमि में हुआ डिफेंशिअल इक्वेशन मेरे सर पर सवार
करता रहा वो मुझ पर वार पर वार
इस महायुद्ध को देखकर टीचर भी रह जाएंगे हक्के बक्के
जमा देंगे कॉपी पर लाल स्याही से जीरो के थक्के
युद्धभूमि में हुआ डिफेंशिअल इक्वेशन मेरे सर पर सवार
करता रहा वो मुझ पर वार पर वार
इस महायुद्ध को देखकर टीचर भी रह जाएंगे हक्के बक्के
जमा देंगे कॉपी पर लाल स्याही से जीरो के थक्के
शक्कर सी मीठी है, मिर्ची सी तीखी है,
एक औरत सिर्फ तक तब बेचारी है जब तक उसकी नेल पोलिश न सूखी है |
मेरे साथ तू शर्मिंदा होता, ना भूलूंगी इस तिरस्कार को
आज पूछता है कैसे कमर टूटी मेरी, क्या भूल गया उस मार को
जो कहते थे जान हाज़िर है तेरे लिए
उन्ही के हाथों जलाया गया मैं
हम एक दूसरे का कप तो भरे
लेकिन जरूरी नहीं एक कप से पिए,
तू मेरी और मैं तेरी भूख का ध्यान रखूँ
चल इसी सोच से ज़िन्दगी जिए |
क्यों शादी के बाद माँ की इतनी याद आती है, क्यों इस नए जन्म में माँ की कमी सबसे ज्यादा सताती है | बस 5 मिनट, खाना ठंडा हो रहा है, अब बोलूंगी ही नहीं, क्यों ऐसी बातें बोलने और सुनने वाला अब कोई नहीं | क्यों मैं लगातार एक साथ पूरे 9 घंटे मुद्दतों […]
Read Moreजैसे ही मेरे हाथ ग्रीस से सने
मेरा नाक पर खुजली करने का मन सा बने
ज़िन्दगी का व्यंग्य देखिए
जो ना चाहते वही देखिए
परीक्षा के परिणाम आने पर माँ तुम्हे पुचकारती है लेकिन जो चुपचाप मिठाई का डिब्बा लाता है…
वही पिता होता है !
चाहतों का समुन्दर बनाना आसान है, लेकिन मुश्किल है अपनी आशाओं की प्यास बुझाना, नदी में पत्थर फेंकने वाले तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन मुश्किल है साहिल पाना | दूर से आप समुद्र की गहराई नहीं नाप सकते, उसके लिए भॅवर में पड़ेगा जाना,भॅवर में जाना आसान है, लेकिन मुश्किल है उससे उभरकर […]
Read Moreफोन पर थी मेरी दोस्त वंदना
कहती देखे वक़्त की विड़बना
मेरे साथ घटी अजीब सी घटना
क्या मुझ पर ही था ये पहाड़ फटना ?