मम्मा मैं भी होशियार हो जाऊँगा !

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रिया -राहुल 9*6 क्या होता है ?

राहुल -अपनी पेंसिल से खेलता हुआ, थोड़ी थोड़ी देर में अपनी दुनिया में मस्त हो जाता |

राहुललल मैं कुछ पूछ रही हूँ ना ? राहुल अचानक से डर जाता हैं और अपनी आँखे बंद कर जवाब सोचने लगता हैं |

मैंने शायद ये टेबल तुम्हे हज़ार बार कराया होगा | फिर भी तुम्हे याद नहीं हैं, मुझे समझ नहीं आती क्या करुँ मैं तुम्हारा ?

राहुल अपनी पूरी कोशिश करता हैं, उसके दिमाग में जवाब भी हैं 54 लेकिन फिर भी उसे ये डर हैं कि अगर गलत हो गया तो मम्मी को बुरा लगेगा | उसने मन ही मन सोचा कि “मैं अपने आप में सुधार लाऊंगा” तब तो मम्मी खुश हो जायेगी |

क्या मन ही मन कहानियाँ गढ़ रहे हो | कार्टून की लाईने तो दिल से याद रहती हैं तुम्हे बस पढ़ाई की बात ना करो | रिया बस एक ही सांस में बोले जा रही थी क्योंकि 1 घंटे के बाद भी राहुल ने अपना मैथ होमवर्क पूरा नहीं किया था |

राहुल की आँखों में आंसू आ जाते हैं | जब वो छोटा था तो हर कॉम्पीटिशन में अव्वल आता | रिया और राहुल दोनों ही खुश थे | जैसे जैसे वो बड़ा हो रहा था तो उसे अंदर से लगने लगा कि वो इतनी सारी किताबों का बोझ नहीं उठा पा रहा | वो सोचता जैसे उसे अचानक से ऐसी दुनिया में धकेल दिया हैं जहां सिर्फ एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ हैं | मम्मी कहती हैं साहिल को देखो, कितनी अच्छी तरह से बोल रहा था पोएट्री कॉम्पीटिशन में | निधि तो हर टेस्ट में फर्स्ट आती हैं | जब उसकी मम्मी किसी बच्चे की तारीफ करती तो उसे लगता उसे भी उसके जैसा बनना हैं |

वो अभी कई मुश्किलों से जूझ रहा था लेकिन उसके दिमाग में ये सोच हर दम बरकार थी कि “मम्मी मैं अपने आप में सुधार लाऊंगा “|

आज जब रिया का पति काव्य घर में घुसा तो राहुल की आँखों में मोटे-मोटे आंसू थे | लेकिन वो खुश था कि पापा उसे आज बचा लेंगे | पापा मुँह-हाथ धो कर आए और राहुल को एक बड़ी सी जादू की झप्पी देते हुए कहा -जाओ थोड़ा खेल लो!

राहुल ने रिया की तरफ देख के बोला लेकिन मेरा थोड़ा सा होमवर्क रहता है | कोई बात नहीं, जाओ | राहुल उसी समय एक.. दो.. तीन हो गया |

तुम्हे क्या लगता है कि तुम राहुल को मुझसे ज्यादा प्यार करते हो ? मम्मी तो हमेशा गुस्सा करती है लेकिन पापा हमेशा प्यार | नहीं क्या साबित क्या करना चाहते हो ? मैं जाती हूँ PTM में | मुझे सुनना पड़ता है तुम्हे नहीं |

पर रिया तुम्हे लगता है चीखने, चिल्लाने से कुछ हासिल होगा ?

पर मैं उसे अपना पूरा वक़्त दे रही हूँ, उसकी पढ़ाई, उसकी देख-रेख ! क्या करू मैं ?

सब बच्चे एक जैसे नहीं होते |

काव्य उसके साथ के बच्चे आगे निकल जायेंगे बस ये ही पीछे रह जाएगा दब्बू बन कर | मुझे बहुत डर लगता है यार !
काव्य चुप रहा | रिया हर चीज़ बेस्ट चाहती थी | जैसे वो एक होनहार स्टूडेंट रही अपने बच्चे को भी वो वैसा ही देखना चाहती थी | पर वो समझ नहीं पा रही थी कि राहुल भी बहुत सी चीज़ो में बेस्ट था | उसका दिल बहुत साफ़ और नेक था |

कुछ दिनों बाद रिया की लीला मासी उसे मिलने आयी | खाना बनाने में वो इतनी निपुण थी कि सभी रिश्तेदार उन्हें मास्टर शेफ कहते थे |

उनका घर आना ज़रा कम ही होता था लेकिन जब भी वो आती रिया की ख़ुशी दुगनी हो जाती |


राहुल बड़ा प्यारा लड़का है ! लीला मासी ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा |

हम्म… रिया ने बिना नज़र उठाये सब्जी काटते हुए कहा |

लीला मासी ने रिया के इस हाव-भाव से ये भांप लिया कि कुछ तो दिक्कत है | लीला मासी ने रिया की सारी बात सुनी | फिर वो घर की छज्जे की ओर गयी जहां रिया ने एक खूबसूरत सा गार्डन बनाया हुआ था | बहुत सुन्दर है तुम्हारा ये गार्डन !

बहुत ध्यान और समय देना पड़ता है मासी |

पर ये एलो वेरा प्लांट बाकी पौधों के मुकाबले छोटा क्यों है ? ये नया है या तुम ठीक से पानी नहीं देती ?

नहीं मासी, पिछले साल लिया था | मैं इसका पूरा ध्यान रखती हूँ | कुछ पौधे जल्दी बढ़ते है तो कुछ थोड़ा समय लगाते है |

फिर तुम क्या करती हो, रोज इस एलो वेरा को बोलती हूँ, बड़े हो जाओ, बाकी पौधों को देखो ! या फिर उसे प्यार से समय देती हो ? हर बच्चे का सीखने का अपना तरीका होता है और हर बच्चा अलग है तो उसकी जरूरते भी अलग होती है | रिया वही खड़ी उस एलो वेरा में अपने राहुल को देखती पूरी बात समझ गयी |

 

चित्र स्त्रोत- Youtube, blessy software solution, design decore and disha,kathleenhalme

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