इंग्लिश को हौआ ना माने !

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क्या आपकी भी इच्छा होती है कि आपका बच्चा भी दूसरे बच्चो की तरह फर्राटेदार इंग्लिश बोले? जब आप किसी ऐसे बच्चे को देखते है जो हिंदी के साथ इंग्लिश भी उतनी ही निपुणता से बोलता है तो आपको ऐसा होने के कई कारण लगते होंगे | जरूर इसका स्कूल टॉप क्लास होगा या फिर बच्चा खुद ही इतना स्मार्ट और दिमागी होगा, नहीं तो पक्का माँ-बाप की इंग्लिश का असर है | पर सच्चाई ये है कि हम सब में इंग्लिश बोलने की काबिलियत है और खासकर 7 साल से कम के बच्चो की | क्योंकि छोटे बच्चे एक स्पंज की तरह होते है, जितना दोगे उतना सोख लेंगें |

भाषा को रोज मर्राह की ज़िन्दगी में शामिल करें

क्या कभी आपने सोचा है कि बच्चे हिंदी, मराठी, बंगाली या कितनी ही मुश्किल भाषाएँ कैसे सीख जाते है | और अपनी मातृ भाषा सिखाने के लिए आपको कोई मेहनत भी नहीं करनी पड़ती क्योंकि वो भाषा के साथ रमे हुए है | वही सुनते है और वही बोलते है | उसी तरह अगर आप इंग्लिश को नीचे दिए गए सुझावों के साथ जीवन का हिस्सा बना ले तो कहने ही क्या

• रोज के कामों को करने और करवाने के लिए सिर्फ इंग्लिश भाषा का इस्तेमाल करे तभी वो भाषा बच्चे के दिल और दिमाग पर छा जायेगी और उसे घर के बाहर भी इंग्लिश बोलने में कोई झिझक नहीं होंगी |

• अपने बच्चे को तैयार करते हुए, कपड़े तय करते हुए या फिर उन्हें अलमारी में रखते हुए कपड़ो की बात करें और भाषा हो इंग्लिश जैसे व्हिच कलर शर्ट यू वांट तो पुट ऑन ? प्लीज पुट डीज़ ब्लू सॉक्स इन योर एल्मीरा !

• घर के हर सामान को इंग्लिश में लेबल करें ताकि हर रोज वो उन्हें पढ़ सके और सामान को पहचानने के लिए उत्साहित करें |

• घर का सामान खरीदते हुए या खाना बनाते हुए खाने से सम्बंधित शब्दकोष का यूज़ करें और ध्यान रहे बार-बार प्रक्रिया दोहराये ताकि ये भाषा उनमे अच्छी तरह समा जाएं |

एक दिनचर्या बनाएं


घर में इंग्लिश सीखना ? जी हां घर में कम से कम इंग्लिश या किसी भी भाषा को सीखने के लिए 15 मिनट उसे देना बहुत जरूरी है | और जैसे जैसे आपके बच्चे की रुचि और विकास होता है, इस अवधि को थोड़ा और बढ़ा ले | हर रोज उसी समय कुछ इस तरह की एक्टिविटीज़ करें –

• कोई इंग्लिश गेम हर रोज खेले |

• कोई इंग्लिश स्टोरी अपने बच्चे के साथ पढ़े |

• उन्हें ऐसे वीडियो या टीवी प्रोग्राम दिखाए जो बच्चो पर आधारित हो और इंग्लिश में हो |

• घर में एक इंग्लिश कार्नर बनाएं जहां इंग्लिश सीखने से जुड़ी सभी वस्तुएं हो जैसे स्टोरी बुक्स, सीडीज़ या गेम्स |और याद रखे दुहराव ही सबसे बड़ा सहायक है | बच्चों को उन नए शब्दों को अपने शब्दकोष बैंक में शामिल करने के लिए वही शब्द बार-बार सुनने जरूरी है |

कहाँ से हो शुरुवात?

आप सोच रहे होंगे वो सब तो ठीक है लेकिन कौन से शब्दों या वाक्यों से की जाएं शुरुवात तो देखे क्या है आपके बच्चे की रूचियाँ और कैसे है उसका व्यक्तित्व | सबसे पहले शब्दों को चयन करें उनकी रोज की ज़िन्दगी से | जैसे खिलोने, खाना, कपड़े, जानवर, रंगो या अंको के बारे में बात करें | इन टॉपिक्स के इर्द-गिर्द घूमती ना जाने कितनी ही मज़ेदार एक्टिविटीज़ आपको ऑनलाइन मिल जाएंगी |

इंग्लिश सुनना और बोलना है रामबाण

बच्चों से ज्यादा से ज्यादा इंग्लिश में बात करें | बहुत ही सिंपल रूल है जितना सुनेंगे उतना सीखेंगे | जितना बोलेंगे उतना आत्मविश्वास आएगा | ऐसा कभी ना सोचे कि अपने बच्चों को इंग्लिश सीखाने के लिये आपकी इंग्लिश बहुत ही अच्छी होनी चाहिए या व्याकरण की अच्छे से समझ हो | इंग्लिश बोलने के लिए सबसे जरुरी है आत्मविश्वास बिना किसी झिझक के | गलत-सलत कुछ भी बोले लेकिन लोगो की प्रतिक्रियों से डर कर इंग्लिश बोलना ना छोड़े | आप देखना धीरे-धीरे बच्चे भी खुद सही व्याकरण और गलत वाक्यों में फर्क कर पाएंगे |

चाहे जो भी तरीका आप अपनाएं लेकिन इंग्लिश सीखने को अपने लिए या अपने बच्चे के लिए आनंदमय बनाएं |

चित्र स्त्रोत- Sagey and friends,book riot,getty images


 

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