मेरी दुनिया इंद्रधनुष के रंगो से भरी थी
हर काम में आगे, मैं न किसी से डरी थी
पैसो की थोड़ी कमी थी पर परिवार में प्यार बहुत था
हम सबके लिए सिर्फ वही बहुत था
माँ हर बार कहती बस आज थोड़ा भारी है
तेरी लाल बत्ती की गाड़ी में कल मेरी ही सवारी है
और पापा कहते चाँद सी बेटी है मेरी
एक दिन एक राजकुमार आएगा
इसकी आँखों में पल रहे सपनो को
एक खूबसूरत रूप दे जायेगा
पर ज़िन्दगी में वो होता नहीं
जो हम सोचते है
लोग आँखों में पल रहे सपनो को
चील कौओं की तरह नोचते है
मेरे साथ भी कुछ ऐसा हुआ
किसी के साथ ना हो वैसा हुआ
एक लड़के को बहुत पसंद थी मैं
पर अपने ही सपनो में मग्न थी मैं
बड़ा इंसान बन ने की चाह थी मेरी
उस लड़के से बर्दाश्त न हुई ये देरी
कहता जिस चेहरे पर तुझे नाज़ है
फ़िक्र न कर वो सिर्फ आज है
उसमे मुझे पाने की सनक थी
पर मुझे न इस बात की भनक थी
ये ले तेरे चेहरे पर तेज़ाब है
मुझे मना करने का ये जवाब है
दुनिया क्या अपने आपको भी न पहचान पायेगी
तेरी हर चीख तुझे मेरी याद दिलाएगी
तेज़ाब चेहरे पर नहीं मेरी किस्मत पर डाला है
ज़िन्दगी में सिर्फ एक रंग बचा है जो काला है
कितने सालों लग गए भरने में
उस एक लम्हे में होने वाले घात को
कह गया था तू लड़की है ना नहीं कह सकती
जान ले अपनी औकात को
धीरे धीरे घाव तो भर गया
लेकिन आत्मा तो ज़ख़्मी थी
सुब कुछ पहले जैसा हो गया
लेकिन कही कुछ तो कमी थी
मैंने सोचा अगर मैंने हार मान ली
तो ये उसकी जीत होगी
अपने सपनो की अर्थी को कांधा देना
ये बात मुझे न कभी मंजूर होगी
किसी एक हादसे से ज़िंदगी से मुँह मोड़ लेना
ये कहा का तर्क है
मान लो सब चिंता और चिता में
सिर्फ एक बिंदी का ही फ़र्क है