माँ तुम बहुत याद आती हो !

Poems


क्यों शादी के बाद माँ की इतनी याद आती है,
क्यों इस नए जन्म में माँ की कमी सबसे ज्यादा सताती है |


बस 5 मिनट, खाना ठंडा हो रहा है, अब बोलूंगी ही नहीं,
क्यों ऐसी बातें बोलने और सुनने वाला अब कोई नहीं |


क्यों मैं लगातार एक साथ पूरे 9 घंटे मुद्दतों से सोई नहीं,
क्यों मैं कितने समय तक किसी की गोद में सर रखकर जी भर रोई नहीं |


करवा लें तेल मालिश, आगे कोई नहीं करेगा
बाल देख कितने रूखे हो गए, कोई नहीं कहेगा |


बेसन का गरम-गरम हलवा खा ठीक हो जाएगी,
माँ के बिना तो लगता जैसे हर बिमारी मेरी जान लेकर जायेगी |


भूखी मत सो, ये ले तेरा फेवरेट खाना है
अब तो पेट में चूहे भी नहीं दौड़ते क्योंकि खुद बनाना है |


वो 2 सुकड़ी रोटी, सब्जी, दाल अचार के साथ,
अब कोई नहीं पकड़ाता जबरदस्ती डांट के साथ |


रात भर चलने वाली गपशप क्यों हो गयी बंद,
अब तो टाइम भी कम है और बातें भी हो गयी चंद |


अब क्यों साथ वाले रूम में जाकर पूछ नहीं सकती
मम्मी कैसी लग रही हूँ
क्यों आगे से आवाज़ नहीं आती
रुक जा, नज़र उतार रही हूँ |


तरस गयी सुनने को “शॉपिंग तो हो गयी लेकिन चला चला के थका दिया तूने,
क्यों सब तहस-नहस कर रही है, काला टॉप अलमारी की तीसरी शेल्फ में रखा था तूने |


मेरी माथे की लकीरे देख मेरी टेंशन क्यों नहीं देख पाता कोई,
क्यों मुझे खाना खिलाये बिना अब सो नहीं पता कोई |


भूख नहीं है ऐसे कैसे नहीं है,
आज लगती है हर बात सही जो माँ ने कही है |


भगवान अगर बनाया तूने मुझे फुर्सत से
तो क्यों भूल गया फुर्सत मुझे देना
शादी होने पर सारे रिश्ते नए दिए तूने मुझे
पर याद क्यों रहा तुझे मुझसे माँ लेना |

चित्र स्त्रोत- weddingplz

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