तुम कितनी जल्दी बड़े हो गए !

Poems


पैदा हुए जो तुम हर बात पर सो गए
मेरे पलक झपकते ही तुम एक साल के हो गए


टूटे-टूटे शब्दों में कितनी बातें तुमने बताई रो के
और ये क्या इतनी जल्दी हो गए तुम दो के

घुटने के बल बैठ मम्मा मम्मा कह कर बुलाते थे
3 साल में तुम भाग कर मेरे पास पहुंच जाते थे


तीसरे जन्मदिन के केक पर टपकती तुम्हारी लार थी
जब मोमबत्ती जलाई तो वो तीन नहीं चार थी


डर-डर के तुम बस में चढ़े थे
इसी साल तुम स्कूल की ओर बढ़े थे


रोये थे तुम मुझसे लिपट कर
स्कूल का वो गेट देख कर


कपडे तंग हो गए जो मैं चौथे साल में थी लायी
वक्त को क्या देखूँ, ये तो पांचवा साल ले आयी


पांचवे साल में तुम्हारा पढ़ाई में प्रदर्शन अच्छा रहा
कल साल खत्म होने पर रिपोर्ट कार्ड मिलेगी मैम ने कहा


वक़्त तो 200 की स्पीड से भगा
6 का हो गया सातवाँ लगा


पंख आते ही उड़ गए कौवा
चुटकी में बीत गए आठवां नौवा


पढाई और स्पोर्ट्स के तले तुम इस कदर दबे थे
दसवां, ग्यारवा और बारवां साल ना तुम्हे फबे थे


छू हो गया तेरवा, चौदवा और पन्द्रवा साल
और तुम्हारी मूछों पर भी आने लगे बाल


सोलह, सत्राह और बीत गया अठारा
टॉप के कॉलेज में नाम आ गया तुम्हारा


तुम बड़े लगे जब ग्रेजुएशन कैप तुमने हवा में फेंकी थी
इससे बड़ी ख़ुशी ना कभी हमारी आँखों ने देखी थी


आज तुम अपने पैरों पर खड़े हो
अपने सपनों को पूरा करने में अड़े हो


पर तुम्हारे साथ बिताया एक पल भी ना भूला हैं
वो लम्बा सा खड़ा हैं, क्या वही दूल्हा हैं ?

चित्र स्त्रोत- Baby centre, wallpapers,association for creative deficiencies, kid first pediatric, English news delhi hunt, southwest general

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *