बातें जो मैं अपनी बेटी को जरूर सिखाऊंगी

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सबसे पहले तो मैं आप सबको ये बताना चाहती हूँ क़ि मेरी कोई बेटी नहीं है लेकिन मैं एक औरत हूँ, एक माँ हूँ… मैंने कई बार लोगों को अपने बच्चे से कहते सुना हैं “तू लड़का हैं, लड़कियों की तरह मत रो | यहाँ तक क़ि हाल ही में मैं एक मॉल में एक टॉय शॉप में अपने बेटे के लिए खिलौने खरीद रही थी क़ि एक आवाज़ आयी – बेटा लड़कियां कार्स और सुपरमैन से नहीं खेलती, देखो कितनी सुन्दर-सुन्दर डॉल्स हैं | क्यों हम लड़के-लड़कियों में फर्क करते हैं, क्यों हम रोजमर्राह की ज़िन्दगी में उन्हें महसूस करवाते हैं क़ि वो लड़की हैं | और जब वही लड़की बड़ी होकर परेशान होती हैं तो हम कहते हैं थोड़ी स्ट्रांग बन | इसलिए आज मैंने सोचा क़ि जब मेरी बेटी होगी तो मैं उसे कुछ बातें जरूर सिखाऊंगी –

कोई बात नहीं अगर तुम्हे ट्रांसफार्मर और हल्क पसंद हैं

तुम लड़की हो इसका मतलब ये नहीं क़ि तुम केवल गुड्डे, गुड्डियों के बालों को सवांरने और उन्हें तैयार करने के लिए हो | जिस खिलौने से खेलने का तुम्हारा मन हो वो करो | गन, ट्रांसफार्मर, हल्क या फिर बैट-बॉल लड़को का नाम लिखा हुआ नहीं आता | अपने बच्चों को उनकी पसंद नापसंद पहचानने दें और वही करने दें |

वजन को लेकर ज्यादा ना सोचे

अभी तो ठीक हैं, बड़े होकर मोटी अच्छी नहीं लगेगी – कई लोग छोटे-छोटे बच्चों के सामने भी ये कहते हैं | पर ये नहीं सोचते क़ि उनके दिमाग पर इसका क्या असर पड़ रहा हैं | मैं अपनी बेटी को बताउंगी क़ि अगर मोटे हो तो कोई बात नहीं, हेअल्थी खाओ | स्वस्थ रहना जरूरी हैं |

सवाल हैं तो जवाब मांगो

 

बच्चों के पास इतना कुछ हैं कहने के लिए की आप सोच भी नहीं सकते | उनकी बात सुने, अगर वो कुछ बोल रहे हैं तो बीच में उनकी बात ना काटे | बेटी को दब कर नहीं रहना, झिझक के साथ नहीं जीना |मैं अपनी बेटी को समझाउंगी कि जो सवाल पूछता हैं 5 मिनट के लिए बेवकूफ समझा जाता हैं, जो मन में दबा सवाल नहीं पूछता वो ज़िन्दगी भर बेवक़ूफ़ रहता हैं |

सपने देखना और उन्हें पूरा करना

तुम अपने सपनों को कभी नहीं तोड़ेगी, अपने माँ-बाप के लिए भी नहीं | कितने ही लोग अपने सपनों अपनी चाहतों को पूरा नहीं कर पाते- कभी ये सोच कर क़ि लोग क्या कहेंगे, कभी ये मान कर क़ि हम औरतें हैं या फिर कभी अपने माँ-बाप की वजह से | सपने देखों क्योंकि रात छोटी हैं, उन्हें पूरा करों क्योंकि दिन छोटा हैं |

अपनी बात बोलों लेकिन तरीका सही हो

लड़कियों को ज्यादा नहीं बोलना चाहिए, देखों कितनी मुंहफट हैं और जब वही लड़के बोलते हैं तो कहा जाता हैं कितना निडर हैं, अपनी बात का पक्का, आत्मविश्वास से भरा | मैं अपनी बेटी को सिखाऊंगी अगर कुछ गलत हैं तो बोलना सीखो लेकिन तरीका सही हो | क्योंकि विज्ञान कहता हैं जीभ पर लगी चोट सबसे जल्दी ठीक होती हैं और ज्ञान कहता हैं जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती |

कोई भी रिश्ता तुम्हारे अस्तित्व पर भारी ना पड़े

रिश्ते अनमोल हैं | तुम्हे बड़ी होकर बेटी, माँ, बहन, पत्नी, दोस्त, सलाहकार और ना जाने कितने रिश्ते निभाने हैं लेकिन याद रहे अपनी पहचान, अपने अस्तित्व पर चोट ना आने पाएं |अगर आप किसी इंसान को ढूंढ रहे हैं जो आपकी ज़िंदगी खूबसूरत बना सके तो अपने कमरे में लगा शीशा देख लें |

कभी-कभी स्वार्थी भी होना चाहिए

अपनी ख़ुशी अपने हाथ में होती हैं लेकिन अपनी सफलता और असफलता को अपने दिमाग पर हावी ना होने दें | सबके बारें में सोचे लेकिन कभी-कभी अपने लिए और अपनी इच्छाओं के लिए भी जिए | मैं बेटी को समझाउंगी कि अगर तुम ही खुश नहीं होगी तो अपने परिवार, अपने लोगों को कैसे खुश रखोगी |

ये मेरी सोच हैं, आपकी सोच अगर मिल जायेगी तो हम दुनिया की सोच को भी बदल सकते हैं – इसके बारें में जरूर सोचियेगा |

चित्र स्त्रोत- Youtube.com,healthline,Business Insider India, Mindful return,the pragmatic parent,thrive global

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