पेप्पेर्मेंट वाली सिगरेट का पैकेट लेकर ,
दोस्तों को शाम को खेलने का वादा देकर,
वो खुद से बड़े गली के लडको से लड़कर,
बेफिकिरी से कहना “बच्चा समझा हुआ है हमे “?
क्या बचपन याद है तुम्हे ?
लाइट के ऑन/ऑफ बटन को बीच में अटकाकर
सोने का झूठा नाटक दिखाकर
शर्ट में हाथ छुपाकर सबसे कहना
जादू से हाथ गायब करने आते है तुम्हे?
क्या बचपन याद है तुम्हे ?
मम्मी की सारी चप्पलो को बारी- बारी पहनकर ,
गले में चुन्नी और गाढ़ी लिपस्टिक लगाकर,
एक हाथ में गुड़िया तो दूजे में चेन वाला बैग उठाकर,
बड़प्पन से कहना “बाज़ार जाने का है समय “!!
क्या बचपन याद है तुम्हे ?
सुबह बेमन से स्कूल के लिए तैयार होकर,
मम्मी को नाश्ता खा लेने का धोखा देकर,
क्लास में झगड़ पीछे वाली सीट लेकर,
हँसते हुए कहना “साले सारा आज नहीं पढ़ना हमें”!!
क्या बचपन याद है तुम्हे ?
गर्मी की छुट्टियों में अपनी मस्ती में खोकर,
आमपाचन,हींग गोली और आइसक्रीम की चुसकिया लेकर,
हॉलिडे होमवर्क करना आखिरी दिन आंसुओ से रोकर ,
घबराते हुए कहना ”मम्मी मैडम मारेगी हमें”!!
क्या बचपन याद है तुम्हे ?
क्लास में जब मैडम ने पुछा सवाल खड़े होकर,
पूरी क्लास का हाथ आत्मविश्वास से बुलंद देखकर,
भीड़ में मिलने के लिए छोटा सा हाथ उठाकर,
डरते हुए मन में कहना ”बस उठाना ना मैडम हमें”!!
क्या बचपन याद है तुम्हे ?
पिकासो को पीछे छोड़ने का मूड बना कर,
हाथो में ड्राइंग शीट और आधे अधूरे कलर्स लेकर,
हर बार वही पहाड़, बादल और झोपड़ी बनाकर,
पूरे स्टाइल में कहना ”ये बनाना आता है तुम्हे?”
क्या बचपन याद है तुम्हे?
चित्र स्त्रोत- Funnyimages gallery, makup.download, pinterest, youtube, gypsypixel.com, babycentre
Nostalgic..
सच में बचपन याद आ गया !!! मैं भी ऐसे ही करता था !!
A very beautiful poem…
Nice nd true….
Thank you so much!